भोपाल, मार्च 2013/ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय बजट 2013-14 को घोर निराशाजनक बताया है। इस बजट में समाज के किसी भी वर्ग के लिये आशा और विश्वास का संदेश नहीं दिखायी दिया है। चाहे नौजवान वर्ग हो, किसान हो, मजदूर हो या उद्यमियों को गति देने का सवाल हो हर मोर्चे पर यह बजट विफल साबित हुआ है।
मुख्यमंत्री ने आम बजट पर प्रतिक्रिया करते हुये कहा कि केन्द्रीय प्रत्यक्ष करों के हिस्से में जो कटौती परिलक्षित हो रही है, उसका राज्य की अर्थ-व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ेगा। इस वर्ष राज्यांश के रूप में मिलने वाली राशि में मध्यप्रदेश को लगभग 800 करोड़ रुपये की कमी की संभावना है। कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि केन्द्र सरकार विकास की दर बढ़ाने में विफल सिद्ध हो रही है। विकास की दर नहीं बढ़ेगी तो महँगाई बढ़ेगी। लोगों की खरीदारी की क्षमता घटेगी जिससे आर्थिक गतिविधियाँ और मंद होंगी।
कोई अपेक्षा पूरी नहीं हुई
वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री राघवजी ने बजट को राज्यों के लिए प्रतिकूल बताते हुए कहा है कि आयोजना व्यय में चालू वर्ष में 18 प्रतिशत कटौती की गई है। इसके कारण राज्यों को इस वर्ष अनुदान राशि कम मिलेगी। केन्द्रीय करों में राज्यों के अंश में कमी करने से मध्यप्रदेश को 800 करोड़ रुपये कम प्राप्त होंगे। केन्द्रीय विक्रय कर की क्षतिपूर्ति के लिये 34 हजार करोड़ के स्थान पर सिर्फ 9 हजार करोड़ रुपये का बजट में प्रावधान किया गया है। पेट्रोल, डीजल और कपड़ा सहित आम जनता के उपयोग की वस्तुओं के मूल्य में कमी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। कृषि उपज के समर्थन मूल्य में वृद्धि का कोई प्रावधान नहीं है। व्यक्तिगत आयकर की छूट भी पुरानी ही रखी गई है।
बजट में मध्यप्रदेश की उपेक्षा का जिक्र करते हुए राघवजी ने कहा कि दिल्ली-मुम्बई इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर में गुजरात और महाराष्ट्र का जिक्र है लेकिन मध्यप्रदेश का कोई जिक्र नहीं है, जबकि इसका अधिकांश भाग मध्यप्रदेश से गुजरता है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भी मध्यप्रदेश का जिक्र नहीं है, जबकि 5 अन्य राज्य का जिक्र है। फ्लेगशिप योजनाओं के प्रावधान में वृद्धि अवश्य की गई है, लेकिन केन्द्रांश नहीं बढ़ाया गया है, जिससे राज्यों पर बोझ बढ़ेगा। वित्त मंत्री ने महिलाओं के लिये एक करोड़ रुपये के निर्भय कोष की स्थापना, कौशल उन्नयन के लिये 1000 करोड़ का प्रावधान, वेयर-हाउसिंग योजना के लिये 5000 करोड़ का प्रावधान तथा भोपाल सहित 6 एम्स के लिये 1000 करोड़ रुपये के प्रावधान की सराहना की है।