भोपाल, नवंबर 2012/ प्रदेश के शहरी क्षेत्रों, विशेषकर भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर के पास स्थित ग्राम-पंचायतों और राजमार्गों के आसपास अनियमित और अनियंत्रित तरीके से बसाहट की प्रवृत्ति बढ़ी है। इस प्रवृत्ति की रोकथाम और अनियमितताओं पर लगाम कसने के लिये राज्य सरकार द्वारा संबंधित कानूनों और नियमों में आवश्यक संशोधन पर विचार किया जा रहा है। इससे इन बसाहटों में बुनियादी सुविधाओं के व्यवस्थित इंतजाम के साथ-साथ संबंधित ग्राम-पंचायतों की राजस्व आय में भी बढ़ोत्तरी हो सकेगी।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामाजिक न्याय मंत्री गोपाल भार्गव की अध्यक्षता में मंत्रालय में सम्पन्न एक उच्च-स्तरीय बैठक में इस बारे में विभिन्न मुद्दों पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ। बैठक में श्री भार्गव ने निर्देश दिये कि शहरी क्षेत्रों और राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास की ग्राम-पंचायतों में अनियमित रूप से कॉलोनियों के विकास और भवन निर्माण पर निगरानी के लिये कानूनी प्रावधानों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करवाया जाये। इस उद्देश्य से बैठक में दो अलग-अलग समितियों के गठन का निर्णय भी लिया गया, जो निश्चित समयावधि में कानूनी प्रावधानों में जरूरी बदलाव और नये प्रावधानों के बारे में सुझाव देगी। बैठक में ऐसी ग्राम-पंचायतों को, जिन्हें नगर पंचायत बनाये जाने का निर्णय लिया गया है, के विघटन की प्रक्रिया संबंधी कानूनी प्रावधानों पर भी चर्चा हुई।