नई दिल्ली, फरवरी 2013/ राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग को वर्ष 2012 के निःशक्तजन सशक्तिकरण राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया। मध्यप्रदेश को यह पुरस्कार सर्वोत्तम नियोक्ता श्रेणी में दिया गया है। मध्यप्रदेश की तरफ से सचिव सामाजिक न्याय वी.के. बाथम ने पुरस्कार ग्रहण किया।
केन्द्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वर्ष 2012 के लिए विभिन्न श्रेणियों में 48 पुरस्कार दिये गये। कार्यक्रम में केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कुमारी शैलजा और राज्य मंत्री डी. नेपोलियन मौजूद थे।
मध्यप्रदेश के सामाजिक न्याय विभाग ने निःशक्तजन को रोजगार देने में प्रभावी कार्य किया है। विभाग में कुल 1565 कर्मचारी में से 58 निःशक्तजन हैं। निःशक्तजन में अस्थि, दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और शारीरिक रूप से निःशक्त शामिल हैं। वे प्रथम, द्वितीय, तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने सीधी भर्ती की प्रक्रिया में निःशक्तजन के लिए 6 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया है। इन कर्मचारियों को उनकी उत्पादकता और कौशल बढ़ाने के लिए न केवल सहायक यंत्र दिये गये हैं, बल्कि उन्हें सर्वाधिक रूप से अपेक्षित प्रशिक्षण भी दिया गया है। उल्लेखनीय है कि निःशक्त कर्मचारियों को प्रशंसा, पदोन्नति और अन्य भत्तों में समानता दी जाती है। आवास आवंटन में आरक्षण का लाभ भी दिया जाता है और व्यावसायिक कर में छूट दी जाती है।