भोपाल। यूनियन कार्बाइड भोपाल का जहरीला कचरा निपटाने के लिए तकनीकी विशेषज्ञों की राय लेकर कार्य योजना तैयार की जाएगी। देश में उपलब्ध 27 स्थान की कचरा निपटाने की व्यवस्थाओं का जायजा लेकर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा। यह जानकारी आज सर्वोच्च न्यायालय द्वारा यूका संयंत्र परिसर में रखे कचरे के निष्पादन के लिए गठित मानिटरिंग एवं एडवाइजरी कमेटी की बैठक में दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम ने की। बैठक में कमेटी के अध्यक्ष डॉ एच.एस. त्रिवेदी एवं अन्य सदस्य उपस्थित थे।
मुख्य सचिव श्री परशुराम ने कहा कि यूका के कचरे को निपटाने का कार्य अति महत्वपूर्ण है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देश में इस तरह के रासायनिक कचरे के निष्पादन के लिए जिन स्थान पर सुविधा उपलब्ध है, उन राज्यों से परामर्श किया जाएगा। इस कार्य में किसी रुकावट की दशा में पूर्ण विवरण सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि कचरा निष्पादन की कार्रवाई मेंे सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखने एवं स्थानीय निवासियों को पूर्णतः विश्वास में लेना आवश्यक है। बैठक में अन्य सदस्यों द्वारा भी इस बात पर सहमति व्यक्त की गई। बैठक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित मानीटरिंग कमेटी एवं एडवाइजरी कमेटी के सदस्य उपस्थित थे।
केन्द्रीय रसायनिक एवं उर्वरक मंत्रालय के सचिव श्री जोस ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय को भी की गई व्यवस्थाओं से अवगत करवाया जाएगा। यूका प्लांट में रखे हुए कचरे को निपटाने के कार्य में सुरक्षा उपायों पर पूरा अमल किया जाएगा। बैठक में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 9 अगस्त 2012 को दिए गए निर्देशों के अनुरूप यूका के रासायनिक कचरे के निष्पादन कार्य से संबंधित सुझाव भी विभिन्न सदस्यों द्वारा दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास श्री प्रवीर कृष्ण और आयुक्त गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास श्री मुक्तेश वार्ष्णेय मौजूद थे।