भोपाल, दिसंबर 2012/ स्कूलों में अध्यापक संघ तथा बरकतउल्ला सहित आठ विश्वविद्यालयों में गैर शिक्षक कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से प्रदेश के शिक्षा जगत का कामकाज लगभग ठप हो गया है। अध्यापक, संविदा शिक्षक और गुरुजियों की तालाबंद हड़ताल की वजह से सोमवार को ग्रामीण क्षेत्र के 80 फीसद सरकारी स्कूल बंद रहे। उधर विश्वविद्यालयों में छात्रों को दिन भर अपने काम को लेकर परेशान होना पड़ा। विश्वविद्यालयों में 12 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार से हड़ताल शुरू हुई है।
शिक्षा विभाग में संविलियन सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर “अध्यापक संविदा संयुक्त मोर्चा मप्र” ने हड़ताल का आव्हान किया है। राज्य के 1.40 लाख अध्यापक, 55 हजार संविदा शिक्षक और 4 हजार गुरुजी हड़ताल पर हैं। प्रदेश में 1.16 लाख में से करीब 65 हजार स्कूल बंद रहने की खबर है। इन स्कूलों में 1.30 करोड़ विद्यार्थी पढ़ते हैं।
उधर कर्मचारियों की हड़ताल से प्रभावित होने वाले विश्वविद्यालयो में हालांकि भोपाल के बरकतउल्ला विवि और माखनलाल पत्रकारिता विवि में स्थानीय अवकाश होने के कारण पहले दिन असर नहीं दिखा लेकिन देवी अहिल्या विवि इंदौर, रानी दुर्गावती विवि जबलपुर, जीवाजी विवि ग्वालियर, विक्रम विवि उज्जैन, एपीएस विवि रीवा, चित्रकूट ग्रामोदय विवि चित्रकूट में कामकाज प्रभावित होने की खबर है। कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सेमेस्टर परीक्षाएं बुरी तरह पिछड़ने की नौबत आ गई है। कर्मचारियों ने कॉलेजों से विवि आने वाली उत्तर पुस्तिकाएं लेने से साफ इंकार कर दिया है। 5 दिसंबर को अधिकारी दोपहर 3 से 4 बजे तक एक घंटा कलम बंद हड़ताल करेंगे। 6 दिसंबर को यही हड़ताल 2 घंटे रहेगी, जबकि 7 दिसंबर को दोपहर बाद आधा दिन कलम बंद हड़ताल की जाएगी। 10 दिसंबर को सांकेतिक धरना व प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद भी यदि सरकार मांगें नहीं मानती है तो 11 दिसंबर से अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू कर दी जाएगी।
इस बीच स्कूल शिक्षा मंत्री अर्चना चिटनीस ने दावा किया है कि प्रदेश में अध्यापकों और संविदा शिक्षकों ने बेहतर शैक्षणिक वातावरण बनाया है। इसके लिए उनके कल्याण के लिए भी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं तथा अनेक काम किए भी जा रहे हैं।