भोपाल, मार्च 2013/ प्रदेश में घरेलू कामकाजी महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री शहरी घरेलू कामकाजी महिला कल्याण योजना में अब तक सवा दो लाख से अधिक महिलाओं का सर्वेक्षण किया जा चुका है। सर्वेक्षित महिलाओं को परिचय-पत्र वितरित किये गये हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना में महिलाओं को राज्य सरकार की ओर से विभिन्न योजना का लाभ दिया जा रहा है।
प्रदेश में यह योजना नगरीय निकायों के माध्यम से चलाई जा रही है। महिलाएँ आर्थिक रूप से सक्षम हो सकें, इस उद्देश्य से 12 हजार महिलाओं को स्व-रोजगार का प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। इन महिलाओं को मुख्य रूप से खाना बनाने, घर के व्यवस्थित रूप से रख-रखाव के साथ-साथ अन्य विधाओं का प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। इन महिलाओं को शिक्षित किये जाने पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रशिक्षण देने के लिये स्वयंसेवी संगठनों की मदद ली जा रही है। सर्वेक्षित कामकाजी महिलाओं को लगातार रोजगार दिलाने के लिये लिये राज्य सरकार ने विभिन्न योजनाओं में प्रावधान किये हैं। महिलाओं को प्रसूति के दौरान आर्थिक सहायता भी उपलब्ध करवायी जा रही है। इस अवधि में महिलाओं को 45 दिन कलेक्टर दर पर मजदूरी उपलब्ध करवाने एवं इस अवधि में उनके पति को भी 15 दिन की मजदूरी उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। अब तक 1,256 कामकाजी महिला को यह सहायता उपलब्ध करवाई जा चुकी है।
सर्वेक्षित कामकाजी महिलाओं को जनश्री बीमा योजना एवं उनके बच्चों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति देने का प्रावधान भी इस योजना में किया गया है। भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा अब तक 154 कामकाजी महिला को आपदा के समय बीमा सहायता राशि उपलब्ध करवाई गई है। बीमित महिलाओं के 5000 से अधिक बच्चों को 200 रुपये प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति भी उपलब्ध करवाई जा रही है।