Anti-Naxal Operation : भारत में 'लाल सलाम' अंतिम सांसे ले रहा है। कभी दंडकारण्य में भारतीय सुरक्षा बल को चुनौती तो कभी झीरम घाटी जैसी कायराना हरकत करने वाले माओवादी अब मुख्य धारा से जुड़ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने  लाल सलाम के अंत के लिए 31 मार्च 2026 की तारीख तय की है। माना जा रहा है कि डेड लाइन से पहले ही टारगेट पूरा कर लिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ में बीते दिन 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, इसके एक दिन पहले 27 ने हथियार डाले थे। महाराष्ट्र में भी 15 अक्टूबर को 61 नक्सली हथियार त्याग कर मुख्यधारा में लौटे। पिछले दो दिनों में कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़ा है।

छिटपुट नक्सली केवल साउथ बस्तर में बचे -

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'यह अत्यंत हर्ष की बात है कि एक समय आतंक का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और नॉर्थ बस्तर को आज नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब छिटपुट नक्सली केवल साउथ बस्तर में बचे हुए हैं, जिन्हें हमारी सुरक्षा बल शीघ्र ही समाप्त कर देंगे।'

2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया -

जानकारी सामने आई है कि, जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1785 को गिरफ्तार किया गया है और 477 को न्यूट्रीलाइज किया गया है। 

अमित शाह ने एक बार फिर अपनी बात दोहराते हुए कहा, 'यह 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के हमारे दृढ़ संकल्प का प्रतिबिम्ब है।
हिंसा छोड़कर भारत के संविधान में अपना विश्वास पुनर्स्थापित करने के इन सभी के निर्णय की सराहना करता हूँ। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार की निरंतर कोशिशों का ही यह परिणाम है कि नक्सलवाद आखिरी सांसें ले रहा है।

गृह मंत्री अमित शाह ने यह भी कहा कि, नक्सलियों के विरुद्ध हमारी नीति स्पष्ट है- जो आत्मसमर्पण करना चाहते हैं उनका स्वागत है, लेकिन जो लोग हथियार उठाए रहेंगे, उन्हें हमारी सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सभी नक्सलियों से मेरी अपील है कि वे अपने हथियार त्याग दें और मुख्यधारा में लौट आएं।

देश के नक्सल प्रभावित जिलों की घटती संख्या -

कभी देश में नक्सली 38 जिलों में एक्टिव थे। आज यह संख्या घटकर मात्र 6 रह गई है। इसका क्रेडिट एंटी नक्सल ऑपरेशन्स को जाता है। साल 2025 की शुरुआत से ही सुरक्षा बल लगातार नक्सल विरोधी अभियान चला रहे हैं। जनवरी से मार्च तक करीब 125 नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षा बल का एक्शन देख सितंबर 2025 तक अलग - अलग क्षेत्रों के 1225 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। जहां 680 नक्सली गिरफ्तार हुए हैं वहीं 270 नक्सली मारे भी गए हैं।
 

संजय उवाच - जाति, बाहुबल के बीच विकसित बिहार के सपने!
विदेशी रिपोर्टिंग को SC ने बताया घिनौना, कैप्टन सभरवाल के पिता से कहा - बोझ नहीं उठाना चाहिए
वंदे मातरम गीत के छंदों को हटाया...देश में विभाजन के बीज बोए - कांग्रेस पर पीएम का हमला
नक्सलवाद का अंत : खत्म होने जा रहा लाल सलाम का आतंक!
रामबहादुर राय होने का अर्थ समझाती एक किताब - प्रोफेसर संजय द्विवेदी
मेष

वृष

मिथुन

कर्क

सिंह

कन्या

तुला

वृश्चिक

धनु

मकर

कुम्भ

मीन