Nobel Peace Prize 2025 : साल 2025 तारीख 10 अक्टूबर, ये कोई आम दिन नहीं होगा। इस दिन यह साबित हो जाएगा कि, अच्छे काम करने वाले ही सफलता और सम्मान के हकदार होते हैं। ओस्लो में नॉर्वेजियन नोबेल समिति 10 अक्टूबर को सुबह करीब 11 बजे शांति पुरस्कार विजेता का नाम घोषित कर देगी। इस बार 338 लोग और संगठन इस प्राइज की रेस में हैं। इन्हीं में से एक नाम है अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का। नॉबल पीस प्राइज औरों के लिए सिर्फ एक इनाम हो सकता है लेकिन ट्रंप के लिए यह सब कुछ हो गया है।

क्या ट्रम्प हैं सम्मान के असली हकदार :

दुनिया के 8 सबसे खतरनाक युद्ध रुकवाने का दावा करने वाले ट्रम्प खुद को इस सम्मान का असली हकदार समझते हैं। एक बार तो उन्होंने हर एक युद्ध रुकवाने के लिए एक शांति पुरस्कार की मांग कर ली थी। फिलहाल दुनिया इस सवाल का जवाब  जानना चाहती है कि, क्या ट्रंप को एक भी शांति पुरस्कार मिलेगा ?

संघर्ष विराम का पूरा क्रेडिट ट्रंप को :

इस साल दुनिया अलग - अलग झगड़ों और सीमा विवादों में उलझी रही। इनमें से एक भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ संघर्ष भी है। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति और पाकिस्तान संघर्ष विराम का पूरा क्रेडिट ट्रंप को देते हैं लेकिन अब तक भारत के नेता तो क्या किसी अधिकारी ने भी ट्रंप को थैंक-यू  भी नहीं कहा है। बल्कि भारत इसे दो देशों के बीच बातचीत से सुलझाने का दावा किया है। 

साल 2024 में किसे मिला था शांति पुरस्कार :

पिछली बार की बात की जाए तो शांति पुरस्कार जापान के परमाणु बम पीड़ितों के संगठन निहोन हिदांक्यो को मिला था। इस बार कई दिग्गज शांति दूत की रेस में हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव आसानी से जीत लिया हो लेकिन शांति पुरस्कार की जंग उनके लिए थोड़ी कठिन साबित हो रही है।

इनसे हैं ट्रंप का मुकाबला :

अगर राष्ट्रपति ट्रम्प शांति पुरस्कार की प्रतिस्पर्धा हारते हैं तो किसे यह शांति पुरस्कार मिलेगा? यह इस समय टॉप का सवाल है। कई अहम दावेदार इस रेस में हैं। कुछ जानकारों का मानना है कि , इस बार प्रेस, महिला, मानवाधिकार या लोकतंत्र से जुड़े किसी बड़े संगठन को यह पुरस्कार मिलेगा। कुछ अहम संगठन में सूडान की इमरजेंसी रिस्पॉन्स रूम्स और ऑफिस फॉर डेमोक्रेटिक इंस्टीट्यूशंस एंड ह्यूमन राइट्स शामिल है। सूडान की संस्था युद्ध और अकाल के बीच नागरिकों की मदद के चलते सुर्ख़ियों में थी जबकि दूसरी संस्था चुनाव निगरानी के लिए जानी जाती है।

एक अन्य नाम जिसकी चर्चा टॉप पर है, वो है यूलिया नवलनाया। यूलिया रूस के विपक्ष के नेता अलेक्सई नवलनी की पत्नी हैं। कुछ समय पहले उनकी मौत हो गई थी। अलेक्सई नवलनी रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ मुखरता से अपनी बात रखने वाले नेता थे। 

कोई चौंकाने वाला नाम आ सकता है सामने :

अक्सर नोबल पीस प्राइज उसे मिलता है जिसके नाम की चर्चा सबसे कम हुई हो। ऐसे व्यक्ति या संस्थान को शांति पुरस्कार मिल जाता है जिसके बारे में कोई ज्यादा नहीं जानता हो। अब सभी की नजरें 10 अक्टूबर पर हैं।  
 

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