Bihar Elections : बिहार। 85 साल बाद बिहार में कांग्रेस की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। बैठक में राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे। बैठक के बाद कांग्रेस और आरजेडी ने मिलकर अति पिछड़ा न्याय संकल्प जारी किया। इसे प्री - मेनिफेस्टो की तरह भी समझा जा सकता है। फर्क इतना है कि, मेनिफेस्टो में जहां हर वर्ग के लोगों को लुभाया जाता है वहीं इस पत्र में अति पिछड़ा वर्ग को साधने का प्रयास किया गया है।

इस पत्र में दस वादे किए गए हैं। इनके जरिए कांग्रेस और आरजेडी बिहार के सबसे बड़े वोट बैंक को साधने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि, बिहार में जाति जनगणना के अनुसार पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग के लोगों की संख्या 63 प्रतिशत (130,725,310) है।

अब जानिए बिहार में अति पिछड़ा न्याय संकल्प के 10 वादे :

1. ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम' पारित किया जाएगा

2. अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा

3. आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची मे शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा

4. नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में “Not Found Suitable” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा

5. अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (under- or over-inclusion) से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा

6. अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी

7. UPA सरकार द्वारा पारित 'शिक्षा अधिकार अधिनियम' (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा

8. 25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों / आपूर्ति कार्यों में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा

9. संविधान की धारा 15 (5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा

10. आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा

संकल्प जारी करने के बाद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, 'बिहार में 20 साल से नीतीश कुमार की सरकार है, लेकिन उन्होंने अतिपिछड़ा समाज को न्याय दिलाने के लिए फैसले नहीं लिए। हमने अतिपिछड़ा समाज के साथ बैठक की, समाज के लोगों से बात की और 'अतिपिछड़ा न्याय संकल्प' तैयार कर दिया। नीतीश कुमार सिर्फ वोट ले रहे थे और बदले में अतिपिछड़ा समाज के हक की आवाज दबा रहे थे। हमारा वादा है कि सरकार बनते ही अतिपिछड़ा न्याय संकल्प को लागू करेंगे।'

इसके अलावा तेजस्वी यादव ने कहा कि, 'हमारा विजन अतिपिछड़ा समाज को आगे बढ़ाने के लिए है। वहीं, NDA के सारे मंत्री समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं, जो सिर्फ अपने लाभ के लिए काम करते हैं, समाज के लिए कोई काम नहीं करते। सच्चाई यही है कि नीतीश कुमार और BJP 'आरक्षण चोर' हैं।'

अब सबकी नजर एनडीए के अगले कदम पर होगी। कांग्रेस आरजेडी की चाल को मात देने के लिए एनडीए के चाणक्य क्या कदम उठाएंगे यह देखना रोचक होगा।

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